जाने क्यों हुयी थी राजीव कपूर और राज कपूर में अनबन


शो मैन के नाम से मशहूर राज कपूर का जन्म 14 दिसंबर 1924 को हुआ था। 1930 में उनके पिता पृथ्वीराज कपूर थियेटर में काम करने के चलते मुंबई पहुंचे। राज कपूर ने अपने तीनों बेटों के करियर को संवारने में वैसे तो कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन क्या आपको पता है कि एक फिल्म को लेकर राज कपूर और उनके छोटे बेटे राजीव कपूर के बीच अनबन हो गई थी। मधु जैन की किताब 'द कपूर्स' के मुताबिक, राज कपूर ने अपने सबसे छोटे बेटे राजीव कपूर को 'राम तेरी गंगा मैली' फिल्म से लांच किया। फिल्म तो हिट रही लेकिन राजीव कपूर से ज्यादा फायदा अभिनेत्री मंदाकिनी को मिला।उस दौर में जहां एक ओर फिल्म चर्चित होती जा रही थी वहीं इस फिल्म के हीरो राजीव कपूर की अपने पिता से नाराजगी बढ़ती जा रही थी। इस फिल्म के बाद राजीव कपूर और राज कपूर में अनबन की नौबत आ गई। 'राम तेरी गंगा मैली' सिर्फ राज कपूर और मंदाकिनी के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गई। राजीव कपूर को इस फिल्म के हिट होने का ज्यादा फायदा नहीं मिला। एक फिल्म के बाद से ही मंदाकिनी रातों-रात स्टार बन गईं लेकिन राजीव कपूर वहीं के वहीं रह गए। राजीव कपूर का मानना था इसके लिए राज कपूर जिम्मेदार हैं। दरअसल राजीव कपूर चाहते थे कि राज कपूर 'राम तेरी गंगा मैली' के बाद उनके लिए एक और फिल्म बनाएं। वो उन्हें उस फिल्म में एक नायक की तरह प्रोजेक्ट करें ताकि स्टार होने का जो फायदा मंदाकिनी को मिला था वो अब उन्हें इस फिल्म में मिले।राजीव कपूर के चाहने के बावजूद राज कपूर ने ऐसा नहीं किया और राजीव को राज कपूर ने एक असिस्टेंट के तौर पर रखा। वो उनसे यूनिट का वह सारा काम कराते जो एक स्पॉटब्वॉय और असिस्टेंट करता था। 'राम तेरी गंगा मैली' के बाद राजीव कपूर 'लवर ब्वॉय', 'अंगारे', 'जलजला', 'शुक्रिया', 'हम तो चले परदेस' जैसी फिल्मों में दिखे तो पर उनकी फिल्में चली नहीं। कहा जाता है कि राजीव कपूर ने कभी राज कपूर के सामने अपनी कुंठा व्यक्त नहीं की लेकिन राज कपूर के अंतिम संस्कार से दूरी बनाए रखी। कपूर परिवार से अलग वो तीन दिनों तक अलग-थलग रहे।