इस समय पूरे देश में दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग उठ रही है। सोमवार को 16 दिसंबर है यह वही तारीख है जिस दिन साल 2012 में देश की राजधानी में निर्भया दुष्कर्म मामला हुआ था। सात साल बीत गए, पर अब तक निर्भया के दोषी जिंदा हैं। 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में एक आरोपी की रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई करनी है। जिसके बाद अगर सुप्रीम कोर्ट रिव्यू पिटीशन खारिज कर देता है तो सभी आरोपियों को मौत की सजा दे दी जाएगी यानी सभी आरोपियों को फांसी की सजा दी जाएगी। भारत में सजा-ए-मौत में फांसी दी जाती है। पर क्या आपके मन में यह प्रश्न उठा है कि बाकि देशों में सजा-ए-मौत कैसे दी जाती है?
- आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में फांसी की सजा को लेकर कई बार जनहित याचिका भी दायर की गई है।
- इसे लेकर मांग की गई है कि गरिमापूर्ण मृत्यु के अधिकार को मौलिक अधिकार का दर्जा दिया जाए।
- मामले में याचिकाकर्ता का कहना है कि फांसी एक 'बेहद तकलीफदेह और दर्द देने वाला और लंबा तरीका' है।
- इसकी जगह थोड़े समय में मौत की सजा देने के तरीके अपनाए जाएं।
- कोर्ट में दी गई अर्जी में याचिकाकर्ता अक्सर यह ने दलील देते हैं कि फांसी की सजा पाने वाले व्यक्ति को मृत घोषित करने में 40 मिनट तक का समय लगता है
- जबकि गोली मारने में कुछ ही मिनट का समय लगता है
- जहरीले इंजेक्शन से ये काम 5 से 9 मिनट में पूरा हो जाता है।
- ऐसे में सवाल उठता है कि भारत के अलावा दुनिया के दूसरे देशों में मौत की सजा को कैसे अंजाम दिया जाता है।
- दुनियाभर में सिर्फ 53 ऐसे देश हैं, जहां किसी अपराध के लिए मौत की सजा दी जाती है। बेशक भारत भी इन 53 देशों में शामिल है।
- एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 142 देशों ने किसी भी तरीके से मौत की सजा का प्रावधान खत्म कर दिया है।
- इन देशों में अपराध चाहे कितना भी जघन्य क्यों न हो, कोर्ट अपराधी को मौत की सजा नहीं दे सकता है।
- धीरे-धीरे अन्य देश भी अपने यहां ये प्रावधान खत्म कर रहे हैं।
- हाल में जिन देशों ने अपने यहां मौत की सजा का प्रावधान खत्म किया, वे हैं - 2015 में मडागास्कर, 2016 में बेनिन, 2017 में गिनीया और 2018 में बुर्किना फासो।
- दुनिया में 58 देश सजा-ए-मौत के लिए फांसी देते हैं।
- लेकिन सबसे अधिक 73 देशों में इस सजा को लागू करने के लिए गोली मारी जाती है।
- इनमें 45 देशों में फायरिंग स्क्वॉड मौत की सजा को लागू करने का एकमात्र तरीका है।
- जहां तक फांसी का सवाल है, भारत सहित 33 देशों में यह मृत्युदंड का एकमात्र तरीका है।
- छह देशों में स्टोनिंग यानी पत्थर मारकर यह दंड दिया जाता है जबकि पांच देशों में इंजेक्शन देकर यह सजा दी जाती है।
- तीन देशों में सिर काट कर इस सजा को अंजाम दिया जाता है।
- दुनिया में 58 देश मृत्युदंड देने के मामले में काफी सक्रिय माने जाते हैं, जबकि 97 देश इसके प्रावधान को समाप्त कर चुके हैं।
- बाकी देशों ने पिछले लगभग दस सालों से किसी को मृत्युदंड नहीं दिया है या फिर वो केवल जंग के समय ही इसका इस्तेमाल करते हैं।
- अमरीका में ही जहरीला इंजेक्शन देने के एक से ज्यादा तरीके हैं।
अलग-अलग देशों में क्या होता है- फायरिंग, फांसी और पथराव द्वारा अफगानिस्तान और सूडान में
- फ़ायरिंग और फांसी द्वारा बांग्लादेश, केमरून, सीरिया, युगांडा, कुवैत, ईरान और मिस्र में
- केवल फांसी द्वारा भारत, मलेशिया, बारबाडोस, बोत्सवाना, तंजानिया, जाम्बिया, जिंबाब्वे और दक्षिण कोरिया में
- केवल फायरिंग द्वारा यमन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान, थाइलैंड, बहरीन, चिली, इंडोनेशिया, घाना और अर्मीनिया में
- इंजेक्शन और फायरिंग द्वारा चीन में
- केवल इंजेक्शन द्वारा फिलीपींस में
- इलेक्ट्रोक्यूशन, गैस, फांसी, फायरिंग द्वारा अमरीका में
- फांसी और सिर कलम करके सऊदी अरब में