नागरिकता संशोधन बिल अब कानून में भी बदल गया, लेकिन इस कानून के खिलाफ देश में हिंसा और विरोध प्रदर्शन अभी तक जारी हैं. बिल के खिलाफ रविवार से पहले सिर्फ पूर्वोत्तर राज्यों असम, मणिपुर और नागालैंड से हिंसा की खबरे सामने आई थीं, लेकिन रविवार को शाम होते-होते देश की राजधानी दिल्ली में हिंसा भड़क उठी. यहां विरोध प्रदर्शन के बीच तीन सरकारी बसें जला दी गईं और मोटर साइकिलें भी आग के हवाले कर दिया गया. इस हिंसक प्रदर्शन के बाद अभीतक सबकी नजरें दिल्ली पर टिकीं हुई हैं.
जानें रविवार से अबतक देशभर में जारी हिंसा और प्रदर्शन की पूरी अपडेट.
रविवार को क्या हुआ था?
रविवार से पहले ही दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों की तरफ से नागरिक संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो चुका था. लेकिन रविवार को इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. रविवार को जामिया नगर इलाके में हिंसा हो गई. इस दौरान तीन सरकारी बसें जला दी गईं. मोटर साइकिलें भी आग के हवाले कर दी गई.
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई इस झड़प में पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोडे. पुलिस ने जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी से घुसकर वहां से छात्रों को बाहर निकलवा दिया. हिंसा वाले इलाके में पैरा मिलिट्री फोर्स तैनात कर दी गई है. इस दौरान सोशल मीडिया पर पुलिस और छात्रों के बीच झड़प के वीडियोज़ वायरल होने लगे. वायरल वीडियो में दावा हुआ कि पुलिस ने छात्र और छात्राओं दोनों को बर्बाता से पीटा.
कब बढ़ा विवाद?
सबसे बड़ा विवाद तब हो गया जब पुलिस उपद्रवियों को खदेड़ते हुए जामिया यूनिवर्सिटी के अंदर घुस गई. छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने लाइब्रेरी में पढ़ रहे बच्चों के साथ मारपीट की, कई तस्वीरें ऐसी सामने आईं जिसमें जामिया के अंदर छात्र बुरी तरह जख्मी नजर आए. जामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों पर हुई इस कार्रवाई का विरोध अलीगढ, पटना और कोलकाता तक हुआ. अलीगढ़ और पटना में प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़पे हुईं.
कोलकाता यूनिवर्सिटी, दिल्ली यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल यूनिवर्सिटी समेत देश के अलग-अलग राज्यो की तमाम यूनिवर्सिटीज़ और लेफ्ट छात्र संगठनों ने जामिया यूनिर्सिटी के छात्रों के समर्थन में और नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया.
हिंसा रोकने के लिए पीएम मोदी को करनी पड़ी अपील
दिल्ली में नागरिकता कानून के खिलाफ शुरू हुआ हिंसक प्रदर्शन अब यूपी और बंगाल को भी झुलसा रहा है. यहां तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी लोगों से अफवाहों पर ध्य़ान नहीं देने की अपील करनी पड़ी. कल पीएम मोदी ने कहा, ''यह शांति, एकता और भाईचारा बनाए रखने का समय है. सभी से अपील है कि किसी भी तरह की अफवाह और झूठ से दूर रहें.''