बारिश के कहर से परेशान हुए किसान


इस वक्‍त देश के कई राज्‍यों में बारिश (rain) हो रही है, जिसमें मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh) भी शामिल है. जबकि गुरुवार की शाम जबलपुर (Jabalpur) में अचानक बादलों ने डेरा डाला और थोडी ही देर में रिमझिम बारिश की फुहारें चलने लगीं, जिससे कृषि उपज मंडी में बिक्री के लिए धान लेकर आए किसान परेशान हो उठे. जी हां, एक और जहां किसानों को धान खराब होने का डर सता रहा था, तो वहीं मंडी प्रशासन हमेशा की तरह आग लगने पर कुएं खोदने की कोशिश में नजर आया.

हैरानी की बात है कि कई बार फसल बर्बाद होने की घटनाओं के बाद भी मंडी प्रबंधन ने धान को बचाने का कोई प्रयास आज तक नहीं किया गया है. अगर तिरपाल (Tarpaulin) और टीन शेड की समुचित व्यवस्था होती तो किसानों को कोई खास नुकसान नहीं होता.

किसान कर रहे मुआवज की मांग
देर रात हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की परेशानी को दोगुना कर दिया है. पहले ही धान खरीदी को लेकर किसान परेशान है. जबकि ऊपर से खुले में पड़ा उसका अनाज बारिश के कारण बर्बाद हो रहा है. हालांकि कहने को धान खरीदी 2 दिसंबर से चल रही है, लेकिन जिले में अभी तक सभी खरीदी केंद्रों का निर्धारण नहीं हो पाया है. आलम यह है कि मजबूरी में किसानों ने पुराने खरीदी केंद्रों में अपने ध्यान को भंडारण करके रखा था और बिना किसी व्यवस्था के खुले में पड़ी उनकी धान की बोरियां गीली हो गईं. जबकि मंडी प्रशासन खरीदने से भी इंकार कर रहा है.