तीन चीनी मिलों को नोटिस (Notice)दिया.

 तीन चीनी मिलों (Sugar Mills) को अभी तक शत प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान न करने पर नोटिस (Notice)दिया गया है. ज़िला गन्ना अधिकारी डॉ. दुष्यंत कुमार (Dr. Dushyant Kumar) का कहना है कि अगर तत्काल इन चीनी मिलों ने गन्ना मूल्य भुगतान न किया तो उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि मेरठ में छह चीनी मिले हैं, जिनमें से दौराला और सकौती चीनी मिल (Sakauti Sugar Mill) ने शत प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान कर दिया है. जबकि मवाना ग्रुप की दो चीनी मिलों और किनौनी चीनी मिल ने पूरा गन्ना मूल्य भुगतान नहीं किया है. मवाना ग्रुप की एक चीनी मिल ने जहां अब तक 76 प्रतिशत, तो नंगलामल चीनी मिल ने 91 फीसदी ही गन्ना मूल्य भगतान किया है. जबकि किनौनी चीनी मिल ने सिर्फ 70 प्रतिशत ही भुगतान किया है. ऐसे में किसान आए दिन ना सिर्फ आंदोलन बल्कि गन्ना भवन का घेराव भी करते हैं. इसी बात को लेकर अब विभाग सख्त रवैया अख्तियार कर रहा है.

तीन चीनी मिलों को नोटिस
गन्ने का पेराई सत्र शुरु हो चुका है. वेस्ट यूपी की ज्यादातर चीनी मिलें शुरू हो चुकी हैं. जबकि मेरठ की छह चीनी मिलों में से ज्यादातर मिलों में पेराई सत्र चालू हो चुकी है, लेकिन अभी कुछ चीनी मिलें हैं जिन्होंने 2018-19 का शत प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान नहीं किया है. ज़िला गन्ना अधिकारी ने न्यूज़ 18 से ख़ास बातचीत में बताया कि जिन चीनी मिलों पर गन्ना मूल्य भुगतान 2018-19 का बकाया है उन्हें नोटिस भेजा गया है. अगर जल्द से जल्द गन्ना मूल्य भुगतान न किया गया तो विधिक कार्रवाई होगी.

मिलों पर बाकी है इतना रुपयाजिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि मेरठ की मवाना शुगर इंडस्ट्रीज़ की दो और किनौनी शुगर मिल पर कहीं 30 फीसदी, कहीं 24 फीसदी तो कहीं 9 फीसदी भुगतान बाकी है. इन सभी मिलों को चिन्हित कर लिया गया है और कार्रवाई की जा रही है. एक तरफ गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर मेरठ का ज़िला गन्ना विभाग नोटिस जारी कर रहा है तो दूसरी तरफ कुछ दिन पहले मेरठ आए कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने यूपी में 95 फीसदी गन्ना मूल्य भुगतान का दावा किया था. हालांकि किसान अभी भी यदा कदा गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर आंदोलन पर बैठ ही जाते हैं.

गन्‍ना है यहां की धड़कन...
वेस्ट यूपी की धड़कन गन्ना है. जी हां, यहां अगर किसानों को अपने बेटी के हाथ पीले करने है तो गन्ना याद आता है. अगर उन्हें अपने बच्चों के स्कूल की फीस देनी है तो गन्ना याद आता है. ऐसे में अगर गन्ना मूल्य भुगतान बकाया रहेगा तो भला किसानों की ज़िंदगी की गाड़ी कैसी रफ्तार भरेगी. हालांकि ये बात अलग है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ लगातार किसानों की समस्याओं पर गंभीर रहते हैं, लेकिन अभी भी ऐसी चीनी मिलें हैं जो आदेशों की अवहेलना कर रही हैं.