जिला चिकित्सालय को शिफ्ट करने की मांग...

 सिंहस्थ 2016 में लगभग 100 करोड़ की लागत से निर्मित हुए उज्जैन संभाग के सबसे बड़े चरक चिकित्सालय, आगर रोड उज्जैन में विभिन्न साधन, संसाधन सुविधाएं होने के बावजूद अब भी आधे से अधिक चिकित्सालय भवन वीरान, सुनसान और अनुपयोगी बना हुआ है जिसका अनुचित लाभ उठाने के चलते ही विगत दिनों सेक्स रैकेट उजागर हुआ था।  
सामाजिक कार्यकर्ता रूपेश काबरा के अनुसार 450 बिस्तरों वाले चरक मातृ एवं शिशु चिकित्सालय का पूर्ण क्षमता से उपयोग नहीं किया जा रहा है जबकि जिला चिकित्सालय उज्जैन संभागीय मुख्यालय का मुख्य अस्पताल होने के बावजूद अपेक्षित रूप से अपेक्षित रूप से काफी छोटा है और कई दुर्घटनाओं, फूड पाईजनिंग के समय यहां पर मरीजों को पलंग की बजाय जमीन पर सुलाकर उनका इलाज करना पड़ता है और तो और जिला चिकित्सालय में आपदा की स्थिति होने के बावजूद प्रवेश व निर्गम हेतु एक ही द्वार होने से काफी जोखिम होता है तथा इससे कई बार गंतव्य तक पहुँचने के पूर्व मरीजों की जान चली जाती है। वहीं कैंसर यूनिट को सख्याराजे प्रसूतिगृह में सुविधाहीन स्थितियों में चलाये जाने से कैंसर के मरीज निजी अस्पतालों का रूख करने को मजबूर होते है।
रूपेश काबरा ने कहा कि इस संबंध में आज 13 नवंबर को म.प्र. शासन के स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट को पत्र भेजकर चरक भवन में जिला चिकित्सालय को शिफ्ट करने तथा जिला चिकित्सालय में कैंसर यूनिट शिफ्ट करते हुए चरक भवन में अनुपयोगी पड़ी मंजिलों का उपयोग कर चरक ऋषि के नाम से स्थापित इस चिकित्सालय की गौरव, गरिमा की रक्षा करने की अपील की जायेगी।